सैटर्न के रिंग्स गायब हो रहे हैं ऐसा नासा की एक रिपोर्ट के अकॉर्डिंग सैटर्न हमें मार्च 2025 तक कुछ ऐसा दिखने वाला है जो कि नासा ने खुद कंफर्म किया है यह कहकर कि सैटर्न के रिंग्स हम पृथ्वी वासियों के लिए पूरी तरीके से अदृश्य होने वाले हैं |
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गायब हो रहे हैं क्यों ? आखिर कैसे |
सैटर्न के वो रिंग्स ही अब गायब होने वाले हैं पर आखिर कैसे क्या वहां पर कुछ ऐसी गतिविधियां हो रही है जो कि नहीं होना चाहिए ?
नासा का मानना है कि लाइफ मौजूद हो सकती है सो क्या कोई इंटेलिजेंट लाइफ रिस्पांसिबल है सैटर्न के इस बुरे मंजर के लिए वेल इस थॉट को ना कुछ टाइम के लिए पार्किंग लॉट में रखते हैं और एक बहुत ही इंटरेस्टिंग चीज पर नजर डालते हैं जरा नासा द्वारा खींचे इन तीन इमेजेस को गौर से देखो ये उन्होंने अलग-अलग सालों में खींचे थे |
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गायब हो रहे हैं क्यों ? आखिर कैसे |
आप देख सकते हो इनमें से पहली वाली इमेज में सैटर्न के रिंग्स पर कुछ फेंट होल्स दिखाई दे रहे हैं और फिर लगभग 25 साल बाद 2004 वाली इस इमेज में वो होल्स सम हाउ गायब हो जा रहे हैं एंड देन सडन उसके अगले 5 सालों बाद 2009 में वो होल्स अचानक से फिर से प्रकट हो जाते हैं |
यानी कि सैटर्न के रिंग्स के साथ कुछ ना कुछ फिशी जरूर हो रहा है दरअसल नासा के गोडा स्पेस फ्लाइट सेंटर के वैज्ञानिक डॉ जेम्स ओ डोग ने रिसेंटली साल 2018 में खुद ये रिवील किया था कि यस नासा की टीम्स शुरू से ये जानती थी कि सैटर्न के रिंग्स गायब हो रहे हैं |
लेकिन क्योंकि वजर वन और टू मिशंस ने लगातार तीन दशकों तक स्टडी करने के बाद भी उस इवेंट की एस्टीमेट डेडलाइन करीब 300 मिल साल बाद बताई थी इसीलिए नासा ने कभी भी इस बात का हल्ला नहीं मचाया |
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गायब हो रहे हैं क्यों ? आखिर कैसे |
लेकिन इसके बाद बढ़ते फैसन की वजह से नासा ने जुपिटर और सैटर्न को सेपरेटली स्टडी करने के लिए फिर एक नए डेडिकेटेड मिशन को प्लान किया जिसने सैटर्न के रिंग्स को लेकर एक मेजर अलार्म रेस किया कसनी मिशन से मिले डेटा ने बताया कि सैटर्न के रिंग्स में जो होल्स बन रहे हैं|
वो एक ऐसे अनोखे डिस्ट्रक्टिव फिनोमिना की वजह से बन रहे हैं जो अगले 300 मिलियन सालों में नहीं बल्कि तीन गुना जल्दी अगले सिर्फ 100 मिलियन सालों में ही सैटर्न के सभी रिंग्स को निगल लेगा |
नासा क्यों बोल रहा है कि 2025 तक सैटर्न के रिंग्स गायब होने वाले हैं ?
तो फिर अब नासा क्यों बोल रहा है कि 2025 तक सैटर्न के रिंग्स गायब होने वाले हैं वेल कुछ देर में आपको पूरी कहानी समझ में आएगी बट उससे पहले 2004 में जब कसनी लॉन्च हुआ था और कुछ समय बाद सैटर्न तक पहुंचा तब नासा ने देखा कि सैटर्न के रिंग्स मेजर्ली वाटर और आइस के पत्थरों के बने हुए हैं |
यह मे भी आपको पहले से पता होगा लेकिन उन्होंने फिर इसके बाद यह डिस्कवर किया कि वह रिंग जो उस बर्फीले पानी का बना है वह तेजी से बारिश के रूप में सैटर्न पर बरस रहा है नासा के अनुसार यह पानी की बरसात इतनी तेज है कि उससे उसके हर छोटे एरिया में आधे घंटे में लिटरली एक ओलंपिक साइज का स्विमिंग पूल भर जा रहा है |
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गायब हो रहे हैं क्यों ? आखिर कैसे |
बट अनलाइक अर्थ यहां कोई वाटर साइकल सिस्टम नहीं है यहां पर ऐसा नहीं हो रहा है कि सैटर्न पर कोई समुंदर है जो भाप बनकर फिर से उस पर बरस रहा है लाइक वाटर साइकल ऑन ऑफ यहां उसके रिंग्स पिघल कर उस पर बरसात और बाढ़ ला रहे हैं सैटर्न के इस आइस के पिघलने के पीछे खुद सैटर्न का ही हाथ है मानो जैसे वो अपने इस नायाब से तोहफे से खुद ही छुटकारा पाना चाहता हो |
देखो बात कुछ ऐसी है ना सूरज से रही यूवी लाइट जब सैटर्न के रिंग्स में मौजूद बर्फीले टुकड़ों पर पड़ती है तब उसकी एनर्जी से रिंग में मौजूद बर्फीले h2o या पानी के मॉलिक्यूल एक एक्स्ट्रा हाइड्रोजन आयन लगाकर अपने आप को हाइड्रोनियम आयस में तब्दील कर लेते हैं अब नॉर्मली ये छोटे-छोटे हाइड्रोनियम आयस आउटर स्पेस में कहीं पर भी डिस्पर्स हो सकते थे |
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गायब हो रहे हैं क्यों ? आखिर कैसे |
लेकिन जैसे आपको पता होगा इलेक्ट्रिक चार्ज और मैग्नेटिज्म एक ही इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव के दो स्पेक्ट्रम्स होते हैं तो बस इसी वजह से ये चार्जड हाइड्रोनियम आयस सैटर्न के मैसिव मैग्नेटिक फील्ड की तरफ अट्रैक्ट होने लगते हैं और उसी के साथ h+ आयस को बाहर फेंक कर सैटर्न पर पानी बनकर बरसने लगते हैं |
एंड नाउ व्हाट्स मोर एक डिटेल स्टडी ये कहती है कि जो कुछ भी सैटर्न पर हो रहा है ये एक नेवर एंडिंग फिनोमिना है और इसीलिए इसके चलते हर गुजरते सेकंड के साथ सैटर्न के सभी रिंग्स के अंश एक-एक करके गायब हो रहे हैं सो अब सवाल आता है |
उन होल्स का जो मिस्टीरियस तरीकों से गायब होकर फिर वापस आकर फिर से गायब हो जा रहे हैं आखिर कैसे वेल जैसे ही नासा के लेटेस्ट सैटर्न एक्सप्लोरर कैसिनी सैटर्न के रिंग्स के एकदम नजदीक जाकर उसकी स्टडी कर रहा था तब नासा के साइंटिस्ट ने उन रिंग्स पर मौजूद होल्स में एक इंपॉर्टेंट पैटर्न नोटिस किया |
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गायब हो रहे हैं क्यों ? आखिर कैसे |
उन्होंने यह देखा कि ये वियर्ड पैटर्स तब ज्यादा नजर आते हैं जब सैटर्न पर दिन और रात दोनों का ड्यूरेशन बिल्कुल सेम हो जाता है यानी कि उसके इक्विनोक्स के दरा जब उसका इक्वेटर और उसके रिंग्स सूरज के साथ बिल्कुल अलाइन हो जाते हैं अब फॉर कॉन्टेक्स्ट पृथ्वी के केस में ऐसा सिर्फ साल में दो बार होता है |
एक 21 मार्च को और दूसरा 23 सितंबर को लेकिन सैटर्न के बड़े ऑर्बिट के वजह से यही इक्विनोक्स हर 15 अर्थ इयर्स में वहां पर एक बार होता है और दिन के बजाय महीनों तक चलता है अब इस सबसे क्या आपके दिमाग में भी एक सवाल आया |
अगर इक्विनोक्स के दौरान सैटर्न का इक्वेटर और उसके रिंग्स सूरज के साथ अलाइन हो जाते हैं एंड देयर फॉर उसके सिर्फ सबसे बाहर वाली रिंग पर ही डायरेक्ट सनलाइट पड़ती है तो फिर सैटर्न के अंदर की तरफ मौजूद रिंग्स में बर्फ पिघल करर होल्स क्यों बना रहे हैं ?